गौतम गंभीर के सामने कड़ा फैसला: करुण नायर बाहर या साई सुदर्शन की वापसी?

 

Karun nair

भारतीय क्रिकेट टीम इस समय पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 से पीछे चल रही है। लॉर्ड्स टेस्ट में 22 रन से मिली हार के बाद टीम की बल्लेबाजी पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। खासकर करुण नायर की फॉर्म ने टीम मैनेजमेंट की चिंता बढ़ा दी है। आठ साल बाद टीम में लौटे नायर लगातार फ्लॉप हो रहे हैं। ऐसे में पूर्व ओपनर डब्ल्यू वी रमन ने करुण नायर को बाहर करने और युवा साई सुदर्शन को मौका देने की वकालत की है। अब सबकी नजरें हेड कोच गौतम गंभीर पर हैं कि वे अगले टेस्ट के लिए क्या फैसला लेते हैं।

1. करुण नायर की खराब फॉर्म बनी टीम के लिए सिरदर्द

लॉर्ड्स टेस्ट में करुण नायर से उम्मीद की जा रही थी कि वह टीम को संकट से निकालेंगे, लेकिन एक बार फिर उन्होंने निराश किया। आठ साल बाद टीम में वापसी करने वाले करुण नायर ने इस सीरीज में अब तक 6 पारियों में सिर्फ 131 रन बनाए हैं। उनका औसत 21.83 का रहा, जो इस स्तर के बल्लेबाज के लिए बेहद कम है। नायर के फ्लॉप होने से भारत का मध्यक्रम लगातार कमजोर नजर आ रहा है। जब टीम को उनके अनुभव की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तभी उनका खराब प्रदर्शन टीम के लिए सिरदर्द बन गया है। अब उनके खेलने पर सवाल उठना लाजिमी है।

2. साई सुदर्शन को दोबारा मौका देने की मांग तेज

साई सुदर्शन ने अपने डेब्यू टेस्ट में पहली पारी में भले ही खाता नहीं खोला, लेकिन दूसरी पारी में 30 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी। इसके बावजूद उन्हें अगले टेस्ट में टीम से बाहर कर दिया गया, जिससे क्रिकेट जगत में बहस छिड़ गई। पूर्व ओपनर डब्ल्यू वी रमन का मानना है कि सुदर्शन को ज्यादा मौके दिए जाने चाहिए। किसी युवा खिलाड़ी को सिर्फ एक मैच के आधार पर बाहर करना सही नहीं है। रमन ने साफ कहा कि साई सुदर्शन को अगर मौका दिया गया तो वह टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। अब उनके दोबारा खेलने की मांग तेज हो गई है।

3. चौथे टेस्ट के लिए गौतम गंभीर के सामने मुश्किल फैसला

टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के सामने अब मुश्किल फैसला है। करुण नायर को एक और मौका दें या साई सुदर्शन और अभिमन्यु ईश्वरन जैसे युवाओं को टीम में शामिल करें? गंभीर ने करुण नायर पर भरोसा दिखाया था, लेकिन लगातार फ्लॉप होने के बाद अब उन पर दबाव बढ़ गया है। टीम इंडिया को चौथे टेस्ट में सीरीज बचाने के लिए हर हाल में जीत दर्ज करनी है। ऐसे में प्लेइंग इलेवन का चुनाव बेहद अहम हो जाता है। अब देखना होगा कि गौतम गंभीर करुण नायर पर भरोसा बनाए रखते हैं या युवा खिलाड़ियों को बड़ा मौका देते हैं।

 

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